पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव के महीने नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक दल अपना-अपना दमखम दिखाने की कोशिश
कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे से ठीक पहले कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता
बनर्जी ने पैदल मार्च का नेतृत्व किया। साथ ही रैली को संबोधित करने से पहले शंखनाद भी किया। इस दौरान उन्होंने बंगाल की राजनीति में मजबूती से उभर रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है। इससे पहले ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी के गढ़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा की और रैली में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा लगातार बंगाल का दौरा कर रहे हैं। भाजपा के दोनों ही शीर्ष नेताओं के हाल के बंगाल दौरे में तृणमूल कांग्रेस को काफी झटके लगे हैं।शुभेंदु अधिकारी सहित कई कद्दावर नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़कर भगवा झंडा थाम लिया।बंगाल चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर कोलकाता पहुंचेंगे। इस उपलक्ष्य में वे ‘पराक्रम दिवस समारोह’ को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब पश्चिम बंगाल में चुनावी घमासान मचा हुआ है। इससे पहले नवरात्रि मे भी पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दुर्गा पूजा में शामिल हुए थे। पश्चिम बंगाल में भाजपा राजनीतिक हिंसा से निपटने के साथ जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करने के लिए रैलियों के जरिए माहौल बनाएगी। इसके लिए राज्य में अगले माह से पांच परिवर्तन यात्राएं शुरू करने जा रही है।