[Ubaidullah Ptrkar: जमाने में मिलते हैं आशिक कई, जमाने में मिलते हैं आशिक कई मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता नोटों में लिपट कर सोने में सिमटकर नोटों में लिपट कर सोने में सिमटकर मरे हैं कई मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता भारत रविवार यानी 15 अगस्त को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है. यह दिन भारत के गौरवशाली इतिहास के सबसे बड़े दिनों में से एक है. लंबे समय तक ब्रिटेन के उपनिवेश रहे भारत देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी. महात्मा गांधी समेत अनेकों स्वाधीनता सेनानियों के अथक प्रयासों के बाद देश ने आजादी की सुबह देखी और पहली बार इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया थ – आजादी की घोषणा के साथ देशवासियों को सबसे पहले पंडित नेहरु ने संबोधित किया था और उनके इस ऐतिहासिक भाषण को A tryst with destiny नाम दिया गया. – आजादी के समय भारत का कोई राष्ट्रगान नहीं था. 1911 में रविन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित ‘भारत भाग्य विधाता’ को ‘जन गण मन’ नाम के साथ 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रगान का दर्जा दिया गया. – इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट को 18 जुलाई 1947 को ही स्वीकृति मिल गई थी मगर लॉड माउंटबेटन ने देश को आजाद करने के लिए 15 अगस्त का दिन चुना था. – भारत और पाकिस्तान को अलग करने वाली रेडक्लिफ रेखा 03 अगस्त 1947 को पूरी कर ली गई थी मगर इसे आधिकारिक रूप से 17 अगस्त 1947 को प्रकाशित किया गया. – भारत के तिरंगे झंडे का डिजाइन पिंगली वैंकैया ने 1921 में तैयार किया था. इसे 24 तीलियों वाले अशोक चक्र के साथ आधिकारिक तौर पर 22 जुलाई 1947 को भारत के झंडे के रूप में स्वीकृत किया गया और 15 अगस्त 1947 को पहली बार फहराया गया. मेरी तरफ से सभी देश वासीयो को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाय

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