महेन्द्र पाल सिंह
गली में से ज़ोर से आवाज़ आयी जय श्रीराम 🚩
कोलेज के लिए निकलती हुई लड़की ने घबराकर दुबारा साँकल चढ़ा दी ।
चार साल का बच्चा बाप के पीछे छिप गया !
चाय छलक कर बाप के कपड़ों पर गिर गयी !
माँ का कलेजा धक्क से रह गया । उसने कोने में लगी राम की फ़ोटो की तरफ़ देखा । उसे पहली बार तस्वीर की आँखों में नमी दिखाई दी ।
सामने लगी अगरबत्ती से अब भी धुआँ निकल रहा था ।
मेरा यह लेख कल्पना नहीं है पूर्ण सच्चाई है , अगर 10 से 20 लोग कहीं एकसाथ नजर आए और जय श्री राम का उदघोस कर रहें हो ,
तो यह किसी अनहोनी का संकेत है ,
आज इस नाम को कितना डरावना बना दिया गया है ,
आज जय श्री राम के नारे साथ किए गये अपराध को अपराध की श्रेणी में नहीं माना जाता ।
पिछले दिनों तो हद पार दी गई , गार्गी कोलेज में जय श्री राम का नारा लगाकर छात्राओं के अंडर गारमेटस में हाथ डाले गये , उनके सामने इन आतंकियों ने …….. छी मुझे तो लिखते भी बन रहा कि क्या लिखू जो गंदा न लगे , कुछ समझ न आया तो खाली जगह छोड़ दी , सोचो यह हमारी बेटी और बहन के साथ भी हो सकता है , लेकिन क्या हमारे देश की बेटियाँ हमारी अपनी बेटियों जैसी नहीं है ???
अगर है तो चुप क्यों हो ???
आवाज क्यों नहीं उठाते ???
कहीं आपकी मानसिकता भी घ्रणित तो नहीं हो गई ???
पर अफसोस आज तक किसी पर कोई कार्यवाही नहीं , कार्यवाही तो छोड़िए पुलिस का दोगला रवैय्या देखिए , जामिया के छात्र छात्रा शान्तिपूर्ण तरीके से प्रोटेस्ट कर रहें थे यहाँ पुलिस ने ऐसी बरबरियत दिखाई की छात्राओं के गुप्तागों पर चोटे आई , किसी खतरनाक रसायन के भी संकेत मिले ।
*क्या यह है हिंदू राष्ट्र ?*
अगर यह हिंदू राष्ट्र है तो मै थूकता हूँ ऐसे हिंदू राष्ट्र पर ,
हिंदू धर्म को खतरा मुसलमानों से नहीं है , इस नफरत की राज नीत को बंद करिए , हिंदू धर्म को खतरा आज अंधभक्त हिंदुओं से है ।
जो मोदी को राम के रूप में शाह को लक्ष्मण के रूप में और योगी को हनुमान के रूप में देखते है और स्वयं को वानरसेना से सम्बोधित करते है ,
आज कितना बदनाम कर दिया है लोगों ने राम को भी और उनके नाम को भी ,
अगर मै बात मुसलमानों की करू तो उन्होने हमेसा बहुस़ख्यक समाज और नेताओं पर खुलकर भरोसा किया , कभी कांग्रेस , कभी समाज वादी , कभी बसपा और हाल में दिल्ली में आप ।
*क्यों ????*
इसलिए कि देश ऐसी सरकार से बच जाए जो हिंसक है , मुस्लिम समाज शान्ती से जीना चाहता है , लेकिन क्या मिला उसे ???
सभी ने उसे धोखा दिया और फिर उन्हे ही जलील किया गया ।
*एक नजर दिल्ली पर…….*
अरविंद केजरीवाल की जीत और मुसलमान :-
कल अरिवंद केजरीवाल 70 सीट की विधानसभा में 62 सीट जीत कर लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। बहुत देर तक सोचता रहा कि केजरीवाल की जीत के क्या मायने हैं ? और इसमें मुसलमान कहाँ खड़ा है ?
दरअसल केजरीवाल की जीत बहुसंख्यकवाद की ही जीत है , जिसे दिल्ली के आधे बहुसंख्यकों ने मुफ्त में मिल रही सुविधाओं को जारी रखने को मोदी के ऊपर वरियता दी। वह भी उस हद तक जहाँ तक की मोदी पर कोई आँच ना आए इसलिए आधे बहुसंख्यक मोदी का प्रतिशत बढ़ाते रहे , जिससे उनका फ्री वाला मकसद भी हल हो जाए और भाजपा का मत प्रतिशत भी बढ़ जाए। और मुसलमान तो अपनी असुरक्षा की भावना के तहत हर उस पार्टी या प्रत्याशी को समर्थन कर देता ही है जो भाजपा को हरा रहा होता है।
विधानसभा चुनाव मे आए आँकड़े बताते हैं कि दिल्ली के सभी मुसलमानों ने एकतरफा वोट केजरीवाल को किया है, इसके बावजूद कि केजरीवाल मुसलमानों या शाहीनबागों का नाम लेने से बचते रहे ना सिर्फ़ बचते रहे बल्कि पुलिस उनके हाथ में होने पर 2 घंटे में शाहीनबाग खाली कराने का ऐलान करते रहे। और बहुसंख्यकों को प्रभावित करने के लिए हनुमान चालीसा पढ़ते रहे , हनुमान मंदिर जाते रहे।
क्या यही केजरीवाल चुनाव के समय किसी मस्जिद में या शाहीन बाग गये ? नहीं , चले गये होते तो “मनोष सिसोदिया” की तरह फँस गये होते। इसके बावजूद दिल्ली का मुसलमान , अरविंद केजरीवाल के साथ पूरा का पूरा आ गया , क्युँकि वह अपने लिए सुरक्षा और हक चाहता है , ना कि प्रत्याशी द्वारा उसके धार्मिक कृत्य को करते देखना चाहता है , पर बहुसंख्यक ज़रूर ऐसा चाहता है।
तो यह तो सच है कि दिल्ली का बहुसंख्यक वोट भाजपा-आप में बराबर बराबर बँट गया , फर्क यह आया कि मुसलमान जिधर खड़ा हो गया उधर के लोग जीत गये , यही कारण है कि भाजपा 40% के आसपास रही तो “आप” भी बहुसंख्यकों के 40% वोट ही पाई , शेष 14-15″ वोट तो दिल्ली के मुसलमानों ने ही दिए।
सवाल यह है कि बहुसंख्यक कब मुसलमानों के पीछे आकर खड़ा होगा ? यद्दपि शाहीन बागों और सीएए के खिलाफ हुए आंदोलनों में वह आकर साथ खड़ा तो हुआ पर जिस दिन वह मुसलमानों की तरह पूरा का पूरा आकर खड़ा हो जाएगा , हिन्दुस्तान जीत जाएगा।
अरविंद केजरीवाल बहुसंख्यकों के डर के बावजूद किस दिन शाहीन बाग जाते हैं यह देखना होगा , और शाहीनबाग जाने पर भी दिल्ली का बहुसंख्यक उनके साथ ऐसे ही 40% खड़ा रहे तब भी हिन्दुस्तान जीत जाएगा।
पर केजरीवाल शायद ही ऐसा करें , क्युँकि उनको पता है कि मुसलमान की मजबूरी है उनको वोट करना , 40% बिदक जाएँगे। यही है बहुसंख्यकवाद का डर , जिस दिन नेताओं के हृदय से यह डर निकल जाएगा उस दिन हिन्दुस्तान जीत जाएगा।
*अगर आज हमारे अंदर कण मात्र भी मानवता शेष बची है तो हमें भी आवश्यकता है मुसलमानों को उसी प्रकार गले लगाने और भरोषा करने की जिस प्रकार वो हम पर करते है ।*
नफरत की राजनीत से बाहर निकलिए , प्रेम की बात करिए , धर्म और भाषा को नफरत का माध्यम मत बनाइयें , यह हमारे भी हित है हमारे बच्चों के हित म़े है और देश हित में है ।
आओ मुसलमानों को गले लगाए भाईचारा बढ़ाए , उनके साथ उनके स्वर में स्वर मिलाए और *NRC NRP CAA का विरोध करें* , और सरकार पर दबाव बनाए कि इन कानूनों को समाप्त करें ।
*जय श्री राम के पवित्र नाम है इसे गंदा और डरावना न बनने दे जो भी ऐसा करें उसे दंडित करें ।
आओं संकल्प ले प्रण करें
हम एक है हमारा देश एक है ,
*जो सबको लेकर साथ चलेगा*
*वही देश पर राज करेगा*
महेन्द्र पाल सिंह…….✒(एक सच्चा भारतीय और एक ऐसा इंसान जिसमें मानवता जीवित है)

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