सुपौल. बिहार सरकार शराबबंदी (Liquor Ban) को सफल बनाने के लिए हेलिकॉप्टर, ड्रोन कैमरा और खोजी कुत्ते (स्निफर डॉग) की मदद ले रही है. लेकिन सुपौल (Supaul) जिले में पुलिस शराबियों का पता लगाने के लिए उनके मुंह सूंघ रही है. जी हां, यह सच है. सदर थाना का ब्रेथ एनेलाइजर महीनों से खराब है जिसे ठीक कराने के लिए साहबों ने अभी तक जहमत तक नहीं उठायी है. इसका पता तब चला जब बुधवार को शराब के नशे में धुत एक घायल व्यक्ति को सदर अस्पताल लाया गया. यहां उसने बताया कि तीन अपराधियों ने सदर थाना क्षेत्र के परसरमा गांव के पास उसे मारपीट बुरी तरह घायल कर दिया और उसकी मोटरसाइकिल छीन ली. बातचीत के क्रम में वो लड़खड़ा रहा था कि जिससे लग रहा ता कि वो काफी नशे में है.
दिनदहाड़े बाइक लूट की सूचना पर जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंची पुलिस ने जब उससे पुछताछ शुरू की तो पुलिस को भी शक हुआ कि उसने शराब पी रखी है. तब सदर थाना के अपर थाना अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने अस्पताल से ही थाना को फोन कर ब्रेथ एनेलाइजर लाने को कहा. मगर उन्हें बताया गया कि ब्रेथ एनेलाइजर महीनों से खराब है. और कोई रास्ता न देख पुलिस उस शख्स के मुंह के काफी करीब जाकर सूंघ कर यह पता करने में लग गई कि उसने शराब पी है या नहीं.
वहीं, इस मामले में सदर पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हो रही है. जिस शराबबंदी को सफल बनाने के लिए बिहार सरकार हेलिकॉप्टर तक उतार रही है. वहां के एक जिले के पुलिस थाना का ब्रेथ एनेलाइजर महीनों से खराब है. इस पर सदर एसडीपीओ (SDPO) इंद्र प्रकाश का कहना है कि ब्रेथ एनेलाइजर खराब है. जरुरत पड़ने पर उत्पाद विभाग की मदद ली जाती है.
बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इसके तहत प्रदेश में शराब बेचने और खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध है. यदि कोई इसका उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाती है.
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