पटना. गर्मी का मौसम शुरू होते ही बिहार में चमकी बुखार का खौफ नजर आने लगा है. इसके मद्देनजर सरकार भी सतर्क हो गई है. एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम को प्रदेश के कई इलाकों में लोग चमकी बुखार के नाम से जानते हैं. मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर देखा जाता है. सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी इस बीमारी की वजह से हर साल कई बच्चों की जान चली जाती है. इस बार ऐसा न हो, इसके लिए सरकार ने फिर अभियान शुरू किया है. ‘चमकी को धमकी‘ जागरूकता संदेश के जरिये सरकार लोगों को बीमारी से बचाव का सुझाव दे रही है.
चमकी बुखार से निपटने के लिए सरकार लगातार जागरूकता अभियान चला रही है. चमकी को धमकी अभियान के साथ-साथ सरकार ने स्कूलों की दीवारों पर इस बीमारी से बचाव के उपाय लिखवाए हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में एईएस (AES) और मस्तिष्क बुखार के कई मामले हाल के दिनों में सामने आए हैं. लिहाजा गर्मी बढ़ते ही राज्य सरकार ने चमकी बुखार प्रभावित जिलों के प्रशासन को अलर्ट रहने का निर्देश दे दिया है.
चमकी बुखार से बच्चे प्रभावित होते हैं, इसलिए गर्मी बढ़ते ही सरकार ने लोगों से अपील की है कि बचाव के सभी उपायों पर गंभीरता से अमल करें. ‘चमकी को धमकी‘ अभियान के तहत सरकार ने कई उपाय सुझाए हैं, ताकि बच्चों को असमय बीमारी की चपेट में आने से बचाया जा सके. आपको बता दें कि चमकी बुखार के कारण 1 से 15 साल तक के बच्चे प्रभावित होते हैं.
क्या है बीमारी के लक्षण
एईएस या चमकी बुखार में सिरदर्द, तेज बुखार, पहचानने की क्षमता खो देना, जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यदि समय पर इलाज न हो, तो इस बीमारी के कारण बच्चे की जान भी चली जाती है.
‘चमकी को धमकी’ अभियान
1. खिलाओ: बच्चो को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं. संभव हो तो मीठा भी खिलाएं.
2. जगाओ: सुबह उठते ही बच्चों को भी जगायें, और टेस्ट करें, कि बच्चा कहीं बेहोस तो नहीं हैं कहीं.
3. अस्पताल ले जाओ: जमकी के लक्षण दिखते ही तुरंत बच्चे को अस्पताल ले जायें.
ये रखे सावधानियां
1. बच्चों को तेज धूप से बचायें.
2. बच्चों को इन दिनों दिन में दो बार स्नान करायें.
3. ज्यादा गर्मी होने पर बच्चों को ओआरएस या नींबू पानी पिलायें.
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Tags: Acute Encephalitis Syndrome (AES), Bihar News, Child Care
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