पटना. लोकआस्था के महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया गया. गुरुवार को राजधानी पटना समेत अन्य जिलों में छठव्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य देने छठ घाटों पर पहुंचे. इस दौरान छठव्रतियों ने छठी मइया और सूर्य भगवान की आराधना की और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. पटना के दीघा घाट, काली घाट, पटना कॉलेज घाट, गाय घाट, भद्र घाट, महावीर घाट समेत अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ नजर आई. दरअसल कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले दो सालों से चैती छठ के अवसर पर गंगा घाट किनारे कम संख्या में श्रद्धालु पहुंच पा रहे थे. लेकिन, इस बार संक्रमण के कम होने पर प्रशासन ने छठ घाटों पर पूजा को लेकर विशेष इंतजाम किया था. वहीं गंगा घाटों के अलावा छठव्रतियों ने घर की छतों, पार्कों, तालाबों में भी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. चैती छठ के अवसर पर छठव्रतियों ने कहा कि इस बार छठी मइया की कृपा से कोरोना संक्रमण कम हुआ है इसलिए हमलोग और अधिक उत्साह के साथ छठ का त्योहार मना रहे हैं.
पटना के पूर्वी रामकृष्णा नगर इलाके में घर की छत पर भगवान भास्कर को अर्घ्य दे रहीं छठीव्रती सुनैना देवी ने बताया कि हमलोग हर साल कार्तिक और चैती दोनों छठ पर्व करते हैं. पिछले दो बरस से कोरोना की वजह लोग थोड़े डरे, थोड़े परेशान थे. लेकिन, छठी मइया ने कोरोना संक्रमण कम किया, इसलिए श्रद्धालुओं में बड़ा उत्साह है. छठी मइया से प्रार्थना है कि वह सभी लोगों पर अपनी कृपा बनाए रखें, सभी का कल्याण करें.
वहीं व्रती तपेश्वरी देवी ने बताया कि चैती छठ की बड़ी महिमा है, छठी महिमा हर किसी का कल्याण करें. छठी मइया की महिमा ऐसी है कि इन्हीं पर सारी दुनिया टिकी है. छठी मइया से प्रार्थना है कि मां सभी का कल्याण, सभी को रोजी-रोटी में बरकत दे.
बता दें, लोकआस्था के महापर्व चैती छठ की शुरुआत मंगलवार को नहाय खाय के साथ हुई. बुधवार को छठ व्रतियों ने खरना का का व्रत रखा. आज गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया गया. वहीं शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय लोकआस्था का महापर्व छठ सम्पन्न हो जाएगा.
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