पटना. बिहार विधानपरिषद की 24 सीटों के लिए 4 अप्रैल को चुनाव हुआ था. इस चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा-जेडीयू और तेजस्वी यादव की आरजेडी के बीच मुकाबला है. कांग्रेस ने इस बार अपने दम पर विधानपरिषद का चुनाव लड़ा है. 24 सीटों के लिए हुए चुनाव में कुल 1.34 लाख मतदाता थे. विधानपरिषद के चुनाव के लिए मतदाता के रूप में सांसद, विधायक, विधानपार्षद, मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य आदि ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. इस चुनाव में तकरीबन 98 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. वहीं, कुल मिलाकर 187 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. इस चुनाव को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे. इसके लिए 534 प्रखंडों में मतदान केंद्र बनाए गए थे. अब गुरुवार को मतगणना हो रही है.
इस बार के बिहार विधानपरिषद के चुनाव में आरजेडी और एनडीए के बीच सीधा चुनावी मुकाबला है. कहीं-कहीं निर्दलीय उम्मीदवार ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. इस चुनाव में तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी ने 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि एक सीट समझौते के तहत सीपीआई को दिया गया है. दूसरी तरफ एनडीए के तरफ से बीजेपी ने 12 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, तो जेडीयू के 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. एक सीट एनडीए के घटक दल के पशुपति पारस गुट के राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को दिया गया है. इस चुनाव में मुकेश सहनी और चिराग पासवान की साख भी दांव पर लगी हुई है.
मतगणना के लिए विशेष प्रणाली
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार स्थानीय प्राधिकार कोटे की 24 सीटों की मतगणना प्रेफरेंशियल (वरीयता) वोटों के आधार पर की जा रही है. प्रथम वरीयता के वोट के आधार पर कोटा का निर्धारण किया गया है. कोटा निर्धारण में मान्य वोटों में दो से भाग देकर प्राप्त संख्या में एक अंक जोड़ दिया गया है. उदाहरण के तौर पर 100 मान्य वोटों का कोटा 51 निर्धारित होगा. प्रथम गणना में ही 51 वोट या अधिक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया जाएगा. प्रथम गणना में इससे कम वोट पाने वाले को मतगणना से हटाते हुए उसे प्राप्त दूसरी वरीयता के वोट संबंधित प्रत्याशी के वोट में जोड़ दिए जाएंगे. यह सिलसिला तबतक चलेगा, जबतक किसी उम्मीदवार को जीत के लिए जरूरी वोट न मिल जाए.
तो घोषित होंगे विजेता
अगर अंत तक बचे दो उम्मीददवारों में भी किसी को जरूरी वोट नहीं मिले तो चुनाव आयोग ज्यादा वोट लाने वाले को विजेता घोषित कर देगा. खास बात यह भी कि बूथवार वोटों की गिनती नहीं होगी, गिनती के पहले वोटों को आपस में मिला दिया गया है.
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