पटना. भारतीय जनता पार्टी बिहार में सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी बन गई है. स्थापना के 42 साल पूरे होने के मौके पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए यह दोगुनी खुशी है. राज्य में 80 लाख कार्यकर्ताओं के विशाल परिवार के साथ जश्न का माहौल है. हाल ही में पार्टी को राज्य में 3 विधायकों का साथ मिला है. विधान परिषद की 24 सीटों में से भाजपा को सर्वाधिक 7 सीटें मिली हैं. बिहार में पार्टी अब जिस बुलंदी के साथ सीनियर बनकर मौजूद है, उसके लिए कार्यकर्ताओं को खासा संघर्ष करना पड़ा.
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में हुई थी. स्थापना के तुरंत बाद हुए संयुक्त बिहार के चुनाव में पार्टी को 21 सीटों पर सफलता मिली थी. इनमें से 11 विधानसभा क्षेत्र वे थे जो अब झारखंड में हैं, जबकि 10 विधायक वर्तमान बिहार वाले क्षेत्र से आते थे. प्रदेश में पार्टी की विकास यात्रा में जनता दल युनाइटेड से गठबंधन की अहम भूमिका रही है. हालांकि अब ऐसा वक्त भी है कि अब भाजपा अपने बूते बड़ी संख्या में विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रही है.
ऐसे रहा सफर
वर्ष 1995 में एनडीए का गठन हुआ था. तब जदयू, समता पार्टी के रूप में हुआ करती थी. वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त बिहार में एनडीए को 23 सीटें मिलीं. वर्ष 2000 के संयुक्त बिहार में 67 विधायक भाजपा के जीते. इसके बाद पार्टी के विधायकों की संख्या बढ़ती गई. नवंबर 2005 में भाजपा के 55 विधायक जीतकर आए और राज्य में एनडीए की सरकार बनी. वर्ष 2016 में भी जदयू और भाजपा का गठबंधन बरकरार रहा. राज्य की 243 में 206 सीटें गठबंधन ने हासिल कीं. जदयू के अलग होने के बाद भी भाजपा को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बड़ी सफलता हासिल हुई, लेकिन वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन टूटने का बड़ा असर देखना पड़ा. इस चुनाव में भाजपा को केवल 53 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा.
फिर जदयू के साथ
तीन साल पहले 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले जदयू फिर एनडीए में शामिल हुई. इसके बाद एनडीए को फिर फायदा हुआ.
‘कमल-दीप’ का वो संघर्ष
भाजपा के अस्तित्व में आने के पहले 1980 में लोकसभा चुनाव हुए थे. तब जनसंघ हुआ करता था. पार्टी का निशान दीपक था. इस तरह 1984 का लोकसभा चुनाव भाजपा का पहला आम चुनाव था. 1984 के लोकसभा में संयुक्त बिहार में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी. वर्ष 1989 में भी संयुक्त राज्य के दौरान महज 8 सीटें मिलीं. वर्तमान में बिहार से 17 सांसद हैं. वर्ष 2014 में सबसे अधिक भाजपा के बिहार से 22 सांसद थे.
ये बने भाजपा के एमएलसी
अशोक अग्रवाल-कटिहार, दलीप सिंह-औरंगाबाद, डॉ. दिलीप जायसवाल-पूर्णिया, तरुण कुमार-समस्तीपुर, राजीव कुमार-गोपालगंज, संतोष सिंह-रोहतास, सुनील चौधरी-दरभंगा. गौरतलब है कि इस बार भाजपा को सहरसा, सीवान, बेगूसराय, सारण और पश्चिम चंपारण गंवानी पड़ी.
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