पटना. बेउर जेल में आपराधिक कांड में बन्द होने के बावजूद मोबाइल रखना और दो की जगह 9 सेवादारों से काम करवाना मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को महंगा पड़ सकता है. जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा पिछले दिनों बेऊर जेल में छापेमारी के बाद हुए खुलासे के बाद अनंत सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जिला प्रशासन ने छापेमारी के क्रम में अनंत सिंह के वार्ड में मिले बैग से जो मोबाइल बरामद किया है उसके सिम के बारे में अहम जानकारी पुलिस के हाथ लगी है. दरअसल अनंत सिंह के पास जो मोबाइल मिला है उस मोबाइल का सिम राजधानी पटना के ही पुनाईचाक इलाके में रहने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति के नाम से है.
हैरानी की बात तो यह है कि यह बुजुर्ग व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर भी हैं. अब पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी हुई है की जो शख्स मानसिक तौर पर बीमार है आखिरकार उसके नाम पर लिए गए सिम का उपयोग विधायक अनंत सिंह बेउर जेल के अंदर से कैसे कर रहे थे. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो सीडीआर खंगालने के बाद इस बारे में जानकारी मिल सकती है कि किस दुकानदार ने उनके आधार कार्ड पर यह सिम अनंत सिंह को जारी किया था. पटना पुलिस इस पूरे मामले के खुलासे के बाद सकते में है.
दरअसल आनंद सिंह से जो मोबाइल मिला है उसमें कई लोगों से बात करने की भी जानकारी हासिल हुई है. सीडीआर की जांच से यह पता चला है कि अनंत सिंह राजधानी पटना के अलावा पटना के बाहर भी लोगों से संपर्क में रहते थे. ऐसे में पुलिस पूरी लिस्ट को खंगाल रही है. मालूम हो कि राज्य के सभी जिला स्थित जेलों में छापेमारी के दौरान पटना की बेउर जेल में बंद अनंत सिंह के बैरक में भी पुलिस ने रेड की थी जहां पुलिस को मोबाइल फोन मिला था.
अनंत सिंह पटना से सटे मोकाम सीट से राजद के विधायक हैं और इन दिनों रीतलाल यादव जैसे बाहुबली विधायक से उनकी मित्रता को लेकर काफी चर्चा है. छोटे सरकार के नाम से विख्यात अनंत सिंह राजद में जाने से पहले जेडीयू के नेता और विधायक हुआ करते थे.
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