नवादा. नवादा जिले के बहुचर्चित बालू राजस्व घोटाला से जुड़े मामले की सुनवाई तेज हो गई है. मामले में आरोपित पूर्व विधायक काैशल यादव, पूर्व विधान पार्षद सलमान रागिब सहित तीन पर कोर्ट में आरोप का गठन किया गया है. पूर्व विधायक कौशल यादव पर तीन मामले में और पूर्व विधान पार्षद पर एक मामले में आरोप का गठन हुआ जबकि इन दोनों के सहयोगी विनय यादव पर एक मामले में आरोप का गठन हुआ. एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में 8 अप्रैल को आरोपों का गठन हुआ.
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार अविनाश ने आरोपितों की मौजदूगी में आरोप को पढ़कर सुनाया इसके साथ ही आरोप का गठन किया. अब इन मामलों में गवाहों को बुलाकर उनका बयान कलमबंद किया जएगा, यानि गवाही की प्रक्रिया आरंभ होगी. नवादा नगर थाना कांड संख्या 208/2006, 209/06 व 227/06 में आरोप गठित हुआ है. आरोप गठन होने के बाद पूर्व विधायक, विधान पार्षद की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
क्या है पूरा मामला
नवादा नगर थाना में दर्ज कांड संख्या 208/2006 में तत्कालीन गोविंदपुर विधायक कौशल यादव व तत्कालीन विधान पार्षद सलमान रागीब सहित अन्य कई लोगों को आरोपित बनाया गया था. मामला खनन विभाग के 68 लाख रुपये सरकारी राजस्व गबन से जुड़ा था जिसमें यह उल्लेखित था कि बालू राजस्व का फर्जी बैंक चालान खनन विभाग के कार्यालय में जमा किया गया था जो जांचोपरांत चालान जाली पाया गया. इस मामले में नगर थाना में तत्कालीन खान जयप्रकाश सिंह के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. अनुसंधान के क्रम में बंदोबस्तधारी के अलावा तत्कालीन गोविंदपुर विधायक कौशल यादव व तत्कालीन विधान पार्षद सलमान रागीब सहित अन्य कई लोगों को आरोपित किया गया था.
इसी प्रकार नगर थाना में कांड संख्या- 209/06 में भी आरोप का गठन किया गया. इस मामले में आरोप है कि नगर थाना की पुलिस ने विधायक कौशल यादव के प्रसाद बिगहा स्थित आवास पर छापामारी की, जहां से जिला खनन कार्यालय नवादा की मूल संचिका बरामद हुआ था. इसके अलावा कार्यालय से संबंधित अन्य दस्तावेज भी बरामद किया गया था. तत्कालीन सहायक खनन पदाधिकारी श्याम नारायण सिंह द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
फर्जी चालान से ही संबंधित एक अन्य मामले नगर थाना कांड संख्या
227/06 में पूर्व विधायक कौशल यादव और जदयू कार्यकर्ता विनय यादव के विरूद्ध आरोप गठित किया गया. आरोपितों की मौजूदगी में अदालत ने आरोप का सारांश पढ़कर सुनाया. इस मामले में बालू बंदोबस्ती राशि दो करोड़ तीन लाख रुपये का का चालान की जांच में केवल 96 लाख 50 हजार रुपये जमा किये जाने की पुष्टि हुई शेष चालान फर्जी पाया गया था. तत्कालीन सहायक खनन पदाधिकारी श्याम नारायण सिंह द्वारा इस मामले में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. सभी मामलों में सहायक अभियोजन पदाधिकारी साकेत सौरभ ने अदालत में अभियोजन पक्ष रखा.
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