पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक का एक बड़ा मामला मंगलवार को फिर सामने आया. नालंदा जिला के सिलाव में जनसंपर्क के दौरान नीतीश कुमार की सभा में एक शक्स ने पटाखे से विस्फोट किया. इसके बाद मौके अफरातफरी का माहौल हो गया. नीतीश कुमार की सुरक्षा में हो रही चूक पर बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने ने चिंता जताते हुए पुलिस की सुरक्षा तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं. अपने फेसबुक पोस्ट पर संजय जायसवाल ने लिखा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रैली के पास बम विस्फोट की घटना चिंता की बात है. एक बार फिर से ये सुरक्षा तैयारियों पर प्रश्नचिह्न उठाता है. इन साजिशों के पीछे के चेहरे का पता करना चाहिए.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब CM नीतीश कुमार की सुरक्षा में सेंध लगी है. अभी इसी साल 27 मार्च को एक युवक ने उन्हें मुक्का मार दिया था. 2020 में नीतीश कुमार पर प्याज और कंकड़ फेंके गए थे. 2018 में पटना में एक युवक ने उनपर चप्पल फेंक दी थी. तो इस तरह नीतीश कुमार पर थप्पड़ से लेकर चप्पल और प्याज फेंके जाने जैसे कई मामले हुए हैं.
मार्च 2022 : बख्तियारपुर में 27 मार्च को एक युवक ने नीतीश कुमार के सुरक्षा घेरे में सेंध लगाते हुए उन्हें मुक्का मारा था. पुलिस ने मौके पर ही उस युवक को दबोच लिया था. हालांकि बाद में पता चला कि वह विक्षिप्त है और आत्महत्या के कई प्रयास कर चुका है. तब युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के बाद उसे छोड़ दिया गया.
साल 2020 : बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान CM नीतीश कुमार मधुबनी के हरलाखी विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. तभी शराबबंदी के बाद हो रही तस्करी का विरोध करने वाले कुछ लोगों ने उनपर प्याज और कंकड़-पत्थर फेंके. सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो नीतीश कुमार ने कहा कि फेंकने दो, जितना फेंकना है.
अक्टूबर 2018 : राजधानी पटना के बापू सभागार में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक युवक ने चप्पल फेंकी थी. घटना से नाराज जोडीयू नेताओं ने युवक की जमकर पिटाई कर दी थी. फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया था. दरअसल, युवक ने आरक्षण के विरोध में नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री पर चप्पल फेंककर अपना विरोध जताया था.
साल 2018 : सीएम बक्सर जिले के नंदर इलाके में विकास यात्रा पर थे. इसी दौरान कुछ लोगों ने सीएम के काफिले पर पत्थर फेंके थे. हमले में नीतीश कुमार तो बचा लिए गए थे, लेकिन उनके कई सुरक्षाकर्मी इस पत्थरबाजी में घायल हो गए थे. इस हमले में सीएम के काफिले में शामिल कारों के शीशे भी टूट गए थे.
साल 2016 : जनता दरबार में एक युवक ने मुख्यमंत्री पर निशाना साध चप्पल चलाई थी, जो उन्हें लगी भी थी. यह युवक नीतीश कुमार के उस फैसले से नाराज था, जिसमें दिन में धार्मिक कार्यों के लिए हवन पर सरकार ने रोक लगाया था. अगलगी के हादसे रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला किया था. हालांकि सीएम ने युवक पर कार्रवाई न करने का निर्देश उस समय भी दिया था.
मई 2012 : बक्सर में सेवा यात्रा के दौरान जिले के चौसा स्थित ऐतिहासिक स्थल का निरीक्षण कर सीएम नीतीश कुमार लौट रहे थे. जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर चौसा के पास बिजली-पानी की समस्या को लेकर आक्रोशित लोगों ने सीएम के काफिले में शामिल गाड़ियों पर हमला कर दिया था. हालांकि इस घटना में मुख्यमंत्री बाल-बाल बच गए.
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