पूर्णिया. आपने ‘दंगल’ फिल्म देखी होगी. आपने फोगाट बहनों (गीता और बबीता फोगाट) का नाम भी सुना होगा. इतना कुछ जानने और सुनने के बाद आपको यह भी पता होगा कि कैसे उनके पिता महावीर सिंह फोगाट ने सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए अपनी बेटियों को अखाड़े में उतारा और कैसे उन्होंने इतिहास रच दिया. बिहार के पूर्णिया जिले में भी उन्हीं की तरह एक पिता ने बेटी और भांजी का पहलवानी की तरफ रुझान देखा. इसके बाद क्या था वह भी अपनी लाडलियों के लिए महावीर सिंह फोगाट बन गए. सबसे पहले उन्होंने खुद से ही दोनों को कुश्ती का गुर सिखाना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने इनके लिए आखाड़ा बनवाया और कुश्ती का कोच भी रखवा दिया. दोनों बेटियों ने राज्यस्तरीय चैंपियनशिप के विभिन्न भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर अपने पिता को रिटर्न गिफ्ट दिया है.
ये हैं पूर्णिया की बेटियां रुचि और रजनी. दोनों रिश्ते में ममेरी-फुफेरी बहन है. कुश्ती के अखाड़ें में दोनों बहनें एक-दूसरे को ऐसी धोबी-पछाड़ देती हैं कि देखने वाले भी दंग रह जाते हैं. रुचि के पिता शिवनारायण पंडित फ्लड कंट्रोल विभाग (पूर्णिया) में ग्रुप D के पद पर कार्यरत हैं. आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद शिवनारायण पंडित ने अपनी बेटी और भांजी को प्रेरित कर दोनों को कुश्ती का गुर सिखाया. उन्होंने खुद अखाड़ा बनाया और कोच अमरकांत झा के नेतृत्व में दोनों बहनों ने महज कुछ दिन के अभ्यास के बदौलत राज्यस्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में अंडर-17 में अलग-अलग भार में सिल्वर मेडल जीतकर पूर्णिया का नाम रोशन किया. दोनों का कहना है कि वे आगे चलकर देश के लिए मेडल लाना चाहती हैं. इसके लिए उनके पिता शिवनारायण पंडित और कोच अमरकांत झा ने उन्हें काफी सहयोग किया है.

रुचि और रजनी को शुरुआत में घर में ही कुश्ती के गुर सिखाए गए थे. (न्यूज 18 हिन्दी/कुमार प्रवीण)
रुचि के पिता शिवनारायण पंडित ने कहा कि उसने देखा कि दोनों में कुश्ती के प्रति लगाव है. तब उसने दोनों का हौसला बढ़ाया. खुद उनके लिए अखाड़ा बनाया और आज दोनों बहनें राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतकर आई हैं. वहीं, कोच अमरकांत झा ने कहा कि दोनों बहनों में काफी टैलेंटेड है. वह खुद आर्मी से रिटायर्ड है और कुश्ती में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडलिस्ट हैं. वह दोनों बहनों को कुश्ती के गुर सिखा रहे हैं. ये दोनों आगे चलकर देश का नाम रोशन ककरेंगी, लेकिन पूर्णिया में खिलाड़ियों के लिए न तो मैट है न ही कोई व्यवस्था. अगर सरकार इसकी व्यवस्था कर दे तो यहां से कई अच्छे खिलाड़ी निकलेंगे.
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Tags: Purnia news, Wrestling Federation of India
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