पटना. बोचहां उपचुनाव परिणाम ने जहां एक ओर भाजपा को झटका दिया है, वहीं दूसरी ओर इस हार को लेकर NDA में भी निराशा है. इसको लेकर तरह- तरह के बयान भी सामने आ रहे हैं. खास तौर पर एनडीए से निकाले जाने के बाद मुकेश सहनी फैक्टर का बोचहां में जो असर दिखा इसने भी एनडीए का खेल बिगाड़ दिया. दरअसल, विकासशील इंसान पार्टी की की गीता कुमारी को 29279 मत मिले थे और भाजपा की बेबी कुमारी को 45909 वोट मिले. बेबी कुमारी को राजद के अमर पासवान ने 82562 वोट लाकर 36 हजार के मतों से हरा दिया. हालांकि, वीआईपी और भाजपा मिलकर भी राजद से आगे नहीं जा सकती थी, लेकिन राजनीतिक गलियारे में चर्चा यही है कि अगर मुकेश सहनी के साथ एनडीए लड़ता तो हो सकता है कि जनता का रुझान एनडीए की तरफ होता और वह बाजी मार ले जाता. इन चर्चाओं के बीच एनडीए में बिखराव के बाद बोचहां में मिली हार के बाद अब एनडीए की अंदरुनी राजनीति में भी हलचल होती दिख रही है. दरअसल, JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कोर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग कर दी है.
उपेन्द्र कुशवाहा ने न्यूज 18 से बातचीत करते हुए कहा कि बोचहां उपचुनाव में मिली हार से घबराने की कोई बात ही नहीं है. इस हार से NDAको झटका लगा ये भी गलत है. लेकिन, इस चुनाव में NDA जीत सकता था मगर गठबंधन में बेहतर कोर्डिनेशन का अभाव ता. अगर समय रहते NDA में बेहतर कोऑर्डिनेशन रहता तो परिणाम बेहतर रहता. कुशवाहा ने कहा, ऐसे तो NDA में सब कुछ ठीक ठाक है, लेकिन अगर जल्द कोर्डिनेशन कमिटी बन जाती जो NDA के लिए कोई भी बड़ा फैसला लेना हो, या आगे की रणनीति बनानी हो तो मिल ज़ुलकर समय रहते एकमत होकर फैसला लिया जा सकता. जिसका परिणाम आने वाले समय में NDA के लिए बेहतर होगा. कुशवाहा ने कहा कि कई बार बेवजह कुछ भी बयान NDA के नेताओं के तरफ से आ जाते हैं, जिससे भ्रम फैल जाता है. कोर्डिनेशन कमिटी बन जाने से ऐसी स्थिति नहीं होगी. आगामी लोकसभा चुनाव और उसके बाद विधान सभा चुनाव के लिए ये फैसला NDA के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है.
वहीं, एनडीएम में शामिल जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान भी NDA में जल्द से जल्द कोर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग करते हुए कहते हैं कि बोचहां उपचुनाव परिणाम ये साबित करता है कि NDA के घटक दल अगर मिल जुल कर चुनाव लड़ते तो परिणाम कुछ और होता. अगर अभी भी NDA के नेता नहीं चेते तो आने वाले समय में हालात और भी खराब हो सकते हैं. इसलिए जल्द से जल्द NDA में कोर्डिनेशन कमिटी बनाई जाए. JDU और हम की मांग पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल कहते हैं, बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में NDA की सरकार बहुत बेहतर तरीके से चल रही है. कहीं कोई समस्या भी नहीं है. बिहार में कोर्डिनेशन कमिटी की मांग अगर नीतीश कुमार करते हैं तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस पर फैसला लेगा और जो भी फैसला लेगा वो NDA के लिए बेहतर ही होगा.
गौरतलब है कि वर्ष 2013 से पहले बिहार में भाजपा और JDU NDA में जब एक साथ थी तो कोर्डिनेशन कमिटी हुआ करती थी. यह कमिटी समय-समय पर बैठक कर कई मुद्दों को सुलझा लेती थी. इसके संयोजक भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव हुआ करते थे. लेकिन, जब NDA से नीतीश कुमार अलग हो गए उसके बाद से ये कमिटी भी खत्म हो गई थी. लेकिन, जब 2017 में नीतीश कुमार दोबारा NDA के साथ आए तब से सरकार तो NDA की चल रही है. मगर JDU और भाजपा में कई मुद्दों पर समय समय पर टकराव दिखता रहा है. कई बार कई बड़े मुद्दे पर भाजपा और JDU के बीच कोर्डिनेशन की कमी साफ साफ देखने को मिली. एमएलसी चुनाव में एनडीए को नुकसान के बाद बोचहां उपचुनाव परिणाम के बाद फिर से NDA में कोर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग तेज हो गई है.
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