हाजीपुर. बिहार में एक सरकारी अस्पताल इन दिनों सुर्खियों में है. अस्पताल के सुर्खियों में रहने की वजह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल इस सदर अस्पताल ने मेल को फीमेल बनाने के जादू कर दिया और ये जादू यानी कि हेराफेरी का आरोप अस्पताल कर्मियों पर लगा है. आरोप है कि जीवित मेल बच्चे को इलाज के लिए सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया था लेकिन चार दिनों के इलाज के बाद जब बच्चे की मौत हुई तो वह मेल से फीमेल बन चुका था.
मामला हाजीपुर से जुड़ा है और यह आरोप मृत बच्चे के परिजन लगा रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएस डॉ. एसके वर्मा ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया. बताया गया कि 14 अप्रैल को राजापकड़ थाना क्षेत्र के रहने वाले मुहमम्द यूसुफ अपनी बहू को डिलीवरी के लिए लेकर बिदुपुर जा रहे थे. इसी क्रम में रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया. जिसके बाद बच्चों को लेकर सभी सदर अस्पताल पहुंचे जहां बच्चे को कमजोर बताकर इलाज के लिए एसएनसीयू में भर्ती कर लिया गया. तीन दिनों तक बच्चे के परिजन लगातार बच्चे से मिलते रहे.
इंट्री करने वाले रजिस्टर से लेकर पर्चे तक पर बच्चे का लिंग मेल लिखा गया लेकिन चौथे दिन सदर अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई की ओर से बताया गया कि बच्चे की हालत नाजुक है और इसके लगभग डेढ़ घंटे बाद बच्चे की मौत की सूचना दी लेकिन जब बच्चे का शव दिया गया तो तीन रातों में ही बच्चा मेल से फीमेल हो चुका था. इसको लेकर मृत बच्चे के परिजनों ने हंगामा कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया.
घटना के विषय में मृत बच्चे की दादी कुलसुन खातून ने बताया कि उनके सामने ही गाड़ी में लड़का जन्म लिया था. जिसके मरने की सूचना के बाद जब जानकारी दी गई और बच्चे का शव मांगा गया तो बच्ची का शव दे दिया गया है. डीएस डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है और मामले की जांच की जा रही है. जिसके लिए तीन डॉक्टरों की टीम का गठन कर दिया गया है.
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