पटना. फिल्म तीसरी कसम में बिहार की ‘चाह’ को राजकपूर ने चर्चित कर दिया था. लेकिन इस बार अपनी चाय से चर्चा में आ गई हैं प्रियंका गुप्ता. एक हफ्ते पहले बिना किसी पूंजी के उन्होंने पटना के बेली रोड पर चाय की रेहड़ी लगाई थी और इसी एक हफ्ते में ये चायवाली सोशल मीडिया पर छा गई. अलग-अलग वेबसाइटों और सोशल नेटवर्किंग साइटों पर प्रियंका छायी हुई हैं.
बता दें कि पटना के सबसे वीआइपी इलाके बेली रोड पर पटना वीमेंस कालेज के ठीक सामने प्रियंका गुप्ता (24) ने चाय की रेहड़ी लगाई है. मूल रूप से पूर्णिया के बनमनखी की रहनेवाली हैं प्रियंका. वे इकोनॉमिक्स में ग्रैजुएट हैं. प्रियंका ने वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से 2019 में अर्थशास्त्र से स्नातक किया है. इसके बाद वे प्रतियोगी परीक्षा देती रहीं, पर कामयाब नहीं रहीं. प्रतियोगी परीक्षा में मिली नाकामी ने उन्हें नाउम्मीद नहीं किया बल्कि उन्होंने खुद को एक नए संघर्ष के लिए तैयार किया. अपने गांव लौटने की बजाय प्रियंका ने पटना में चाय की रेहड़ी लगाने की योजना बनाई.
छुटपन से देखा बिजनेस फंडा
इसी 11 अप्रैल को उन्होंने पटना के बेली रोड उन्होंने चाय की ठेली लगा दी. प्रियंका के मुताबिक, चाय बेचने का आइडिया तो उन्हें ‘एमबीए चाय वाला’ प्रफुल्ल बिलोर का वीडियो देखने के बाद आया. लेकिन सच तो यह है कि उन्होंने बचपन से अपने घर में बिजनेस का माहौल देखा है. पूर्णिया के बनमनखी में प्रियंका के पिताजी की कराने की दुकान है. वहां वे अपने छुटपन से लेकर किशोरावस्था तक बिजनेस का फंडा देखा है. इसलिए बिजनेस तो उनके जीन में था.
दोस्तों ने की मदद, बैंकों से मिली निराशा
प्रिंयका बताती हैं कि उन्होंने चाय की दुकान के लिए लोन लेना चाहा. कई बैंकों के चक्कर काटे, लेकिन किसी ने चाय की रेहड़ी के लिए मामूली सा लोन नहीं दिया. ऐसी स्थिति में कुछ दोस्तों ने उनकी मदद की और दुकान खुल गई. अब वे हर वक्त पटना वीमेंस कॉलेज की लड़कियों से घिरी रहती हैं. उनकी चाय की दुकान पर चाय की कई वैरायटी मौजूद हैं. कुल्हड़ चाय, पान चाय, मसाला चाय और चाकलेट चाय – आप जो लेना चाहें आपको तुरंत मिल जाएगी. इन चायों की कीमत 15 से 20 रुपए हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई ने भी जारी की प्रियंका गुप्ता की खबर.
और सोच मत.. चालू कर दे बस
प्रियंका कहती हैं कि उन्होंने अपनी दुकान के लिए कई पंचलाइन सोची. वह चाहती थीं कि पंचलाइन ऐसी हो जो युवाओं की जुबां पर चढ़ जाए. उन्हें लगे कि अरे ये तो अपना ही फंडा है. तब कई पंचलाइनों के बीच से प्रियंका ने ‘पीना ही पड़ेगा’, ‘और सोच मत.. चालू कर दे बस’, ‘लोग क्या सोचेंगे अगर, ये भी हम सोचेंगे, तो फिर लोग क्या सोचेंगे’ जैसे कुछ पंचलाइन अपनी रेहड़ी के लिए तय कर लिया. आज प्रियंका अपनी दुकान और इन पंचलाइनों से खूब खुश हैं. उन्हें खुशी है कि इतने कम समय में ही प्रियंका चायवाली इतनी चर्चा पा गई. वे बताती हैं कि कॉलेज के सामने सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक दुकान लगाकर वे प्रतिदिन 12 से 15 सौ रुपये कमा ले रही हैं. उनका इरादा अब इस दुकान को और विस्तार देने का है. मुमकि है कि वे आने वाले दिनों में श्रीकृष्ण पुरी पार्क में शाम के समय चाय की दुकान लगाना शुरू कर दें.
आपके शहर से (पटना)
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Indian startups, PATNA NEWS, Startup Idea
Source link