पटना. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रत्येक महीने के अंतिम रविवार को देश की जनता को अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से संबोधित करते हैं. इसमें कई ऐसी बातें होती हैं दो देश-समाज के निवासियों को सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज कर जाते हैं. इइसी तर्ज पर बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी अक्सर ‘दिल की बात’ सोशल मीडिया में पोस्ट करते हैं. मन की बात में विशेष यह है कि इसमें कोई भी राजनीतिक बात नहीं होती. लेकिन, तेजस्वी यादव के दिल की बात बिहार से जुड़ी समस्याओं व सरकार की खामियों को उजागर करती हुई होती हैं. जाहिर है इसमें राजनीतिक बातें अधिक होती हैं और इस पर सत्तारूढ़ दलों की ओर से प्रतिक्रियाएं भी खूब आती हैं.
तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दिल की बात करते हुए 17 साल के भाजपा-जदयू गठबंधन (एनडीए) की नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने तमाम मानक संस्थाओं के आंकड़ों व टिप्पणियों के आधार पर बिहार सरकार की नाकामियों को उजागर करने का प्रयास किया है. आइये हम आपके सामने तेजस्वी यादव के दिल की बात का हूबहू आलेख प्रस्तुत करते हैं.
दुःख तो तब होता है जब बिहार जैसे गरीब और पिछड़े राज्य की भाजपा नीत डबल इंजन सरकार समृद्धि, विकास और जनता की समस्याओं का समाधान निकालने की बजाय प्रदेश में अपनी साम्प्रदायिक, जातिवादी व विषैली राजनीति करने से बाज नहीं आती. सरकार में बैठे लोगों को राज्य के उत्थान, समृद्धि, शांति और विकास के लिए सोचना चाहिए तो इसके उलट ये लोग राज्य में ही साम्प्रदायिक और जातीय आग लगाने के काम में लगे हैं ताकि लोग आपसी घृणा में एक दूसरे नफरत करे, बदले की आग में सुलगते रहें तथा किसी का ध्यान सरकार की नाकामी और नाकारेपन पर ना जाए.
लोग बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार, शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली, अपराध, किसानों, युवाओं छात्रों की अनदेखी जैसे मूल प्रश्नों पर सवाल नहीं पूछें और ये सत्तारूढ़ दल समाज में अपने ही द्वारा लगाई आग में अपनी सियासी रोटी सेंकते रहें. 17 वर्षों से शासन कर रहे NDA के दल कभी आपका भला नहीं सोचेंगे, इस बात को भली भांति समझकर अब बिहारवासियों को ही स्वयं अपना भला-बुरा सोचना होगा. हमारे बिहार के लाखों युवा दूसरे प्रदेशों में नौकरी कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं, आखिर वो अपने प्रदेश में ऐसा क्यों नहीं कर सकते?
हम बिहारी किसी क्षेत्र में किसी से भी कमतर नहीं हैं. बिहार के बाहर जब दूसरे राज्यों में जाता हूं तो हर क्षेत्र में जमीन आसमान का अंतर दिखाई देता है. वह भी तब जब बिहार की वर्तमान सरकार पिछले 17 सालों से सत्ता में रहते हुए अपने आप को नंबर एक बताते आई है. बिहार हर मानक, हर मापदंड और हर सूचकांक में लगातार सबसे पिछलग्गू राज्य बना हुआ है. जब तक यह निकम्मी रूढ़िवादी सरकार यहां सत्ता में है, इसमें बदलाव या सुधार होने की कोई गुंजाइश भी नहीं है.
जब भी कोई स्वतंत्र मानक संस्था अपने मूल्यांकन के सूचकांक में बिहार को सबसे नीचे का स्थान देती है तो यह सरकार सच स्वीकारने के बजाय उस संस्था को ही आंख दिखाने लगती है, उसमें ही खोट निकालने लगती है और उस संस्था पर दबाव डालने का अनैतिक प्रयास करती है. जिस सरकार का उद्देश्य सिर्फ़ भूतकाल में जीना, राजनीतिक ध्रुवीकरण करना, समाज को बांटना और अपनी नाकामी को सुधारने के बजाय उस पर मिट्टी डालना हो, उससे किसी भी प्रकार के सुधार की उम्मीद करना मूर्खता ही होगी.
बिहार के युवा को अपने हक-अधिकार के लिए सरकार से निरंतर सवाल कर रहे हैं, करते रहेंगे, लड़ते रहेंगे क्योंकि इस सरकार ने बिहार की दो पीढ़ियों के वर्तमान एवं भविष्य को बर्बाद किया है. बिहार की जनता जान चुकी है कि यह सरकार सिर्फ और सिर्फ सफेद झूठ की खेती कर लोगों को मूर्ख बनाती है. हम युवाओं के सहयोग से युवाओं के भविष्य के लिए बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार, गरीबी, पलायन, अशिक्षा और बेरोजगारी के घने अंधेरे को हटा कर ही रहेंगे.
तेजस्वी यादव के दिल की बात पर मंत्री जयंत राज ने हमला करते हुए कहा कि तेजस्वी को बिहार का विकास नहीं दिखता. उनको अपने माता-पिता के 15 साल के कार्यकाल को देख लेना चाहिए.
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