प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा पार इलाके के थरवई थाना क्षेत्र के खेवराजपुर गांव में शनिवार को हुए सामूहिक हत्याकांड के 24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस मामले का खुलासा करना तो दूर अभी तक कोई सुराग तक नहीं लग पाई है. वहीं परिवार के बचे एक मात्र पुरुष सदस्य पीड़ित सुनील यादव ने इस जघन्य हत्याकांड के खुलासे के लिए सीएम योगी से सीबीआई जांच की मांग की है.
सुनील ने कहा है कि उसके परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई है. लिहाजा वह सीएस योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपनी बात रखना चाहता है. वहीं पुलिस द्वारा रेप की धाराएं न लगाए जाने पर भी सुनील यादव ने सवाल खड़ा किया है. उसके मुताबिक घटना के बाद जब वह मौके पर पहुंचा तो उसकी पत्नी और बहन के शरीर पर कपड़े नहीं थे. इसलिए उसने रेप की आशंका जताई है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में गंभीर चोट लगने से पांचों की मौत होने की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही पुलिस ने रेप की पुष्टि के लिए वेजाइनल स्लाइड और वेजाइनल स्वाब जांच के लिए एफएसएल लैब भेजा है.
पीड़ित के मुताबिक कुछ वर्ष पूर्व उसकी पत्नी से मायके पक्ष के एक लड़के की बात होती थी, जिस पर भी उसने शक जताया है. इसके साथ ही जिस दूध वाले पर सुनील यादव ने कल शक जताया था. पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इस मामले में पुलिस अब तक 12 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
एसएसपी प्रयागराज अजय कुमार ने इस मामले के खुलासे के लिए पुलिस की सात टीमों का गठन किया है, लेकिन पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. इस बीच सामूहिक हत्याकांड को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. शनिवार को ही जहां प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव यहां पहुंचे थे और पीड़ित सुनील यादव से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था. वहीं रविवार को सपा का प्रतिनिधि मंडल और तृणमूल कांग्रेस का भी प्रतिनिधि मंडल खेवराजपुर गांव पहुंचेगा. पीड़ित सुनील यादव से मुलाकात कर सांत्वना देने के साथ ही प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी हमला बोल सकता है.
गौरतलब है कि शनिवार को थरवई थाना क्षेत्र के खेवराजपुर गांव में 55 वर्षीय राजकुमार यादव, 50 वर्षीय उनकी पत्नी कुसुम, 25 वर्षीय बेटी मनीषा, 30 वर्षीय बहू सविता और दो साल की मासूम मीनाक्षी की सिर पर ईंट पत्थर और डंडे से मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके साथ ही घर में भी आग लगा दी गई थी. घर से धुआं उठता देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पाया और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. परिवार में अब केवल दो सदस्य सुनील यादव और उसकी चार साल की बेटी साक्षी बचे हैं. साक्षी को जहां देखभाल के लिए ननिहाल वाले ले गए हैं. वहीं पुलिस ने सुनील यादव की सुरक्षा में दो गनर तैनात कर दिया है.
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