लखनऊ : ऑल इंडिया माइनॉरिटीज फ्रंट के राष्ट्रीय महासचिव सुहैल ज़फ़र खान ने कहा है कि सरकार को लॉकडाउन अवधि मे विद्यालयों को फीस माफ करानी चाहिए।लेकिन प्राइवेट विद्यालयों ऐसा नहीं कर रहे है। जिससे आम जनमानस को अत्यंत कठनाईयो का सामना करना पड़ रहा है। सुहैल ज़फर खान ने कहा कि प्राइवेट विद्यालयों का आलम तो यह है कि वो हर कीमत पर बच्चों की पढ़ाई के नाम पर उनके अभिभावकों की जेबें ढीली करता रहता है। शिक्षा का स्तर भले ही जो हो लेकिन ये प्राइवेट शिक्षण संस्थान कॉपी और किताबें महंगें दामों पर बेचते हैं। ड्रेस बेचने पर रोक लगाई गई तो इन्होंने इस बात की पुख्ता व्यवस्था कर दी कि बाहर भी अभिभावक एक ही दुकान से ड्रेस लें जो बाजार से कई गुना ज्यादा महंगी होती है। दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के संकट के समय मे जनता बेरोजगार और आर्थिक तंगी मे है और विद्यालय अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे। राजधानी लखनऊ समेत देश के विभिन्न राज्यों से इस प्रकार की दुखद सूचनाएं प्राप्त हो रही है कि विद्यालय प्रबंधको ने फीस बढ़ा दी है और अभिभावकों पर अप्रैल-मई-जून अर्थात तीन महीनों की फीस एक साथ जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।सुहैल ज़फर खान ने कहा कि
ऐसे कठिन और नाजुक दौर में यह जरूरी हो जाता है कि विद्यालयों की मनमानी पर लगाम लगाने और अभिभावकों को राहत देने के लिए सरकारें तुरंत सभी विद्यालयों को फीस माफ करने के आदेश दे।
Prev Post
Next Post