का निरीक्षण कर लोगों का हाल जाना। इन प्रभावित इलाकों में फसलों को हुए नुकसान के साथ साथ पशुओं के लिए विभिन्न जगहों पर लगाए गए शिविरों, पशुओं के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे चारे, दवा की उपलब्धता, डॉक्टरों की उपस्थिति का भी निरीक्षण किया।
श्री कुमार ने तरैया प्रखंड के पखरेजा गांव में पशुओं के लिए बनाये गए आश्रय स्थल का निरीक्षण किया। पशुओं के लिए उपलब्ध कराये जा रहे चारा, दवा, और चिकित्स्कों की उपलब्धता का भी निरीक्षण किया।
डॉ प्रेम कुमार ने कहा की राज्य के 16 जिलों के 120 प्रखंड के 1146 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं इन क्षेत्रों में कृषि के प्रारंभिक आकलन में 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर में फसलों के प्रभावित होने की सूचना है। इसके साथ ही पशुओं के लिए 519 पशु राहत शिविर बनाये गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं की चिकित्सा के लिए 180 पशु चिकित्सक एवं 300 सहायक पशु कर्मचारियों को तैनात किया गया है। पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था की गयी है। प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 1500 क्विंटल भूंसा का वितरण किया गया है।
श्री कुमार ने कहा की बाढ़ के कारण 55 पशुओं की मृत्यु की सुचना प्राप्त हुई है। मृत पशुओं के लिए पशुपालकों को 30000 रूपए प्रति पशु की दर से मुआवजा का भुगतान किया जा रहा है। राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है जहाँ से पुरे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही है।
इस अवसर पर सारण के प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सहित मसरख के पूर्व विधायक श्री तारकेश्वर सिंह, तरैया के पूर्व विधायक श्री जनक सिंह एवं भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री सरोज रंजन पटेल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।