डॉ कुमार ने कहा “हमारी सरकार ने राष्ट्र निर्माण को और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वह हमारी हीं सरकार थी जिसने “आत्मनिर्भर भारत” की शुरुआत की, हमने गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत महिला प्रवासियों को हुनरमंद बनाने का प्रशिक्षण शुरू किया। नर्सरी व सब्जी की खेती से आत्मनिर्भर बनाने की ट्रेनिंग दी। इसके साथ हीं लॉक डाउन के वक़्त प्रवासी मजदूर रोजगार की कमी के कारण अपने शहर लौटे तो, एनडीए सरकार ने अनेक योजनाओं व कार्यक्रमों के तहत 1.52 करोड़ मानव दिवस के रोजगार का सृजन किया। 10, 671 जीविका दीदियों को ‘मनरेगा मेट’ के रूप में भी काम दिया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने कहा “इसके अलावा हमने किसानों को भी आत्मनिर्भर बनाने का पूरा प्रयत्न किया है। किसानों के लिए एक लाख करोड़ रुपए का फंड जारी किया गया है। इस एक लाख करोड़ रुपए के एग्री इंफ्रा फंड का इस्तेमाल गांवों में कृषि क्षेत्र से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में किया जाएगा। इस फंड से कोल्ड स्टोर, वेयरहाउस, साइलो, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स लगाने के लिए लोन दिया जाएगा। इस फंड के तहत 10 साल तक वित्तीय सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस फंड से खेती से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम किया जाएगा। इस फंड को जारी करने का उद्देश्य गांवों में निजी निवेश और नौकरियों को बढ़ावा देना है।
कृषि मंत्री ने कहा “बिहार को भी स्वावलंबी बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। चाहें वह मखाना हो या तसर रेशम और भागलपुरी साड़ी, मुजफ्फरपुर की शाही लीची हो या मिथिला और मधुबनी पेंटिंग उद्योग, इन सब को हमारी सरकार एक अलग पहचान दिलाने में जुटी है और हम जल्द हीं इस चुनौती को पूरा करेंगे। राज्य को जैविक राज्य बनाने के उद्देश्य से जैविक कॉरिडोर बनाया गया है। किसानों को उनके फसल उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य एवं बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य के बाजार प्रांगणों में सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित राज्य के 16 जिलों में किसानों को उनके फसलों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए आश्रय स्थल /पशु शिविर बनाया गया है जहां पशु चारा एवं उनके चिकित्सा की सुविधा तथा दवा की व्यवस्था की गई है। मत्स्य पालकों को भी आपदा प्रावधानों के अनुसार क्षतिपूर्ति दी जाएगी।
कृषि मंत्री ने कहा “इस स्वतंत्रता दिवस आइये हम और आप यह संकल्प ले की हम लोकल के लिए वोकल बनेंगें तथा अपने देश को आत्मनिर्भर बनाएंगे। हमने भले हीं 74 साल पहले अंग्रेज़ों से आजादी प्राप्त कर ली थी पर अब भी विदेशी वस्तुओं से आज़ादी बाकी है। जय हिन्द।”