दिल्ली दंगों में UAPA एक्ट के तहत आरोप झेल रहे लोगों के परिवारों ने आपबीती सुनायी

24 फरवरी, 2020 को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए थे 

दंगों में कम से कम 53 लोग मारे गए जबकि 200 लोग घायल हुए

 (एसआईओ)’ द्वारा आयोजित इफ्तर में आसिफ इकबाल तन्हा और सफूरा जारगर भी शामिल हुईं. दोनों फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं.

दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के  आरोप झेल रहे तमाम लोगों के परिवारों ने शुक्रवार को एक  साथ बैठकर इफ्तर किया

अपनी गिरफ्तारी के बाद परिवार के सामने आयी मुश्किलों के बारे में तन्हा ने कहा, ‘‘मेरी गिरफ्तारी के वक्त मेरे अम्मी-अब्बू झारखंड में थे

दिल्ली दंगों की  साजिश के मद्देनजर पुलिस ने बड़ी संख्या में लोगों को गैरकानूनी गतिविधियां (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया था.

परिवार को गिरफ्तारी के बारे में बताया तो मेरे अब्बू को दिल का दौरा पड़ गया

मेरी गिरफ्तारी के कारण मेरी बहन का निकाह टूट गया.

तन्हा ने कहा, ‘‘हमोर मुकदमे के लिए विशेष अदालत होने के बावजूद इसमें इतनी देरी क्यों हो रही है?

तन्हा ने कहा कि न्यायपालिका को उन्हें जेल से छोड़ने में 13 महीने से ज्यादा का वक्त लग गया.

तन्हा ने इंगित किया कि ऐसे तमाम पत्रकार, राजनेता और कार्यकर्ता हैं जो सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बोल रहे हैं

तन्हा ने कहा कि अदालतों ने खुद ही कहा है कि विरोध प्रदर्शन करना ना तो कोई गुनाह है और ना ही यह आतंकवादी गतिविधि है.

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